त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥ सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥ जगकर्ता जगभर्ता जगसंह�
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥ सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥ जगकर्ता जगभर्ता जगसंह�